तेजस: भारत की स्वदेशी लड़ाकू विमान ताकत
## **परिचय**
तेजस (Tejas) भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft - LCA) है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा मिलकर बनाया गया है। यह विमान भारतीय वायुसेना की शक्ति को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के साथ-साथ 'मेक इन इंडिया' पहल का एक बड़ा उदाहरण है। इस लेख में हम तेजस के इतिहास, विशेषताओं, और भारत की रक्षा क्षमता में इसके योगदान के बारे में जानेंगे।
## **तेजस का इतिहास**
तेजस का विकास 1983 में शुरू हुआ था, जब भारत सरकार ने एक हल्के लड़ाकू विमान की आवश्यकता महसूस की। इसका मुख्य उद्देश्य पुराने मिग-21 विमानों को बदलना था। 2001 में पहली बार तेजस ने उड़ान भरी और 2016 में भारतीय वायुसेना में इसे शामिल किया गया।
## **तेजस की मुख्य विशेषताएँ**
### **1. स्वदेशी तकनीक**
- तेजस को पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन और विकसित किया गया है।
- इसमें कई उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया है, जैसे कि डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम।
### **2. हल्का और चुस्त**
- यह एक हल्का विमान है, जिसकी वजह से यह तेज गति से मुड़ सकता है और दुश्मन के विमानों से आसानी से बच सकता है।
### **3. शक्तिशाली हथियार प्रणाली**
- तेजस में एयर-टू-एयर मिसाइल, एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल और बम गिराने की क्षमता है।
- इसमें एक 23 मिमी की तोप भी लगी हुई है।
### **4. सुपरसोनिक गति**
- यह विमान मैक 1.8 (लगभग 2200 किमी/घंटा) की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
### **5. स्टील्थ टेक्नोलॉजी**
- तेजस को रडार में कम दिखाई देने वाली तकनीक (स्टील्थ) के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिससे दुश्मन को इसका पता लगाना मुश्किल होता है।
## **तेजस के विभिन्न वर्जन**
### **1. तेजस मार्क-1**
- यह पहला संस्करण है, जिसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया।
### **2. तेजस मार्क-1A**
- इसमें एडवांस्ड रडार, बेहतर हथियार प्रणाली और ईंधन क्षमता को अपग्रेड किया गया है।
### **3. तेजस मार्क-2**
- यह भविष्य में आने वाला संस्करण है, जिसमें और भी अधिक शक्तिशाली इंजन और हथियार होंगे।
### **4. नौसेना संस्करण**
- तेजस का एक वर्जन भारतीय नौसेना के लिए भी बनाया गया है, जो विमानवाहक पोत से उड़ान भर सकता है।
## **तेजस का भारतीय रक्षा में योगदान**
- **आत्मनिर्भर भारत:** तेजस 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' का प्रतीक है।
- **विदेशी निर्भरता कम करना:** इसके विकास से भारत को विदेशी लड़ाकू विमानों पर निर्भरता कम करने में मदद मिली है।
- **निर्यात क्षमता:** भारत ने तेजस को मलेशिया, श्रीलंका और अन्य देशों को निर्यात करने की योजना बनाई है।
## **निष्कर्ष**
तेजस भारत की रक्षा तकनीक में एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल भारतीय वायुसेना की शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि देश के स्वदेशी उद्योग को भी मजबूती प्रदान करता है। भविष्य में तेजस के और उन्नत संस्करणों के साथ, भारत वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख रक्षा निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है।

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